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20 Feb 2017 · 1 min read

परीक्षा का मौसम….(पियुष राज)

परीक्षा का मौसम…

सर्दी अच्छी है,गर्मी अच्छी है
बरसात में नहीँ है कोई गम
सबका सर है चकराने लगता
जब आता है परीक्षा का मौसम

पढ़ने का मन नही करता
पर फेल होने से है डरता
जब तक नही मिलती पापा से डांट
तब तक नही कोई पढ़ता

परीक्षा के इस मौसम में
बढ़ जाती है बीमारी
सुबह उठने को मन नही करता
बढ़ जाती है लाचारी

हर मौसम से अलग है
ये परीक्षा का मौसम
किसी लगता है ज्यादा डर
तो किसी को लगता है कम

इस मौसम में दोस्तों से
मेलजोल हो जाता है मंद
जिस घर में हो बच्चो की परीक्षा
उस घर का टीवी हो जाता है बंद

बच्चो का हर वक़्त
किताबों में रहता है ध्यान
एक दिन में पाना चाहते है
पूरे साल भर का ज्ञान

परीक्षा शुरू होते ही
बढ़ जाता है मान
बच्चे से ज्यादा घरवाले
हो जाते है परेशान

परीक्षा ख़त्म होते ही लगता है
जैसे जीत लिया हो कोई जंग
फिर सब नज़र आते है
अपने दोस्तों के संग

इस मौसम का असर
रिजल्ट में है दिखता
कोई बढ़ जाता है आगे
तो कोई अपनी गलतियो से है सीखता …

पियुष राज ,दुमका ,झारखण्ड ।
उम्र-17 साल
राजकीय पॉलिटेक्निक ,दुमका
(कविता-43) 18/02/2017

Language: Hindi
239 Views
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