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3 Oct 2024 · 1 min read

परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,

परिस्थितियों को चीरते हुए निकल जाओ,
हालातों से जूझते हुए भी निखर जाओ,
दुनियां को दिखला दो कि तुम क्या हो,
असंभव को भी संभव तुम कर जाओ।

…. अजित कर्ण ✍️

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