Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2024 · 1 min read

परिवार

शीर्षक – परिवार *************
एक सोच और मन भाव परिवार है।
बस खाली हाथ आना जाना जीवन है।

सुख दुःख सब कर्म का लेखा-जोखा परिवार हैं।
बस एक सोच संग साथ रंगमंच समय है।

तेरा मेरा रिश्ता एक परिवार में एतबार और वादा है।
हमसफ़र शब्द दोस्ती का सच रहता है।

बस बाकी तो सब मनभावों का वहम परिवार है।
हम तुम और जीवन की एक सोच होती हैं।

हां जल फरेब और स्वार्थ भी बस एक सोच हैं।
जिंदगी के साथ साथ हम सभी के मन भाव ही परिवार है।

सच तो बस तेरी मेरी एक सोच से जिंदगी परिवार
बनता हैं।
********************
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अब वो मुलाकात कहाँ
अब वो मुलाकात कहाँ
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
डॉ.सीमा अग्रवाल
4549.*पूर्णिका*
4549.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
ना जाने कौन सी डिग्रियाँ है तुम्हारे पास
Gouri tiwari
"कोई कुछ तो बता दो"
इंदु वर्मा
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
రామ భజే శ్రీ కృష్ణ భజే
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
प्रभु संग प्रीति
प्रभु संग प्रीति
Pratibha Pandey
शायरी
शायरी
गुमनाम 'बाबा'
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
गंगा- सेवा के दस दिन (चौथादिन)
Kaushal Kishor Bhatt
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
Dr fauzia Naseem shad
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
खामोशी मेरी मैं गुन,गुनाना चाहता हूं
पूर्वार्थ
किसी को उदास देखकर
किसी को उदास देखकर
Shekhar Chandra Mitra
पाँच सितारा, डूबा तारा
पाँच सितारा, डूबा तारा
Manju Singh
तीर'गी  तू  बता  रौशनी  कौन है ।
तीर'गी तू बता रौशनी कौन है ।
Neelam Sharma
#चिंतन-
#चिंतन-
*प्रणय*
पागल।। गीत
पागल।। गीत
Shiva Awasthi
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
जब सिस्टम ही चोर हो गया
जब सिस्टम ही चोर हो गया
आकाश महेशपुरी
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
प्रेम आपको परिवर्तन के तरफ, और मोह अहंकार के तरफ ले जाता है।
Ravikesh Jha
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
लघुकथा कौमुदी ( समीक्षा )
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ভালো উপদেশ
ভালো উপদেশ
Arghyadeep Chakraborty
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ये दुनिया बाजार है
ये दुनिया बाजार है
नेताम आर सी
वक्त
वक्त
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
माँ का आँचल जिस दिन मुझसे छूट गया
Shweta Soni
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
दुनियां में मेरे सामने क्या क्या बदल गया।
सत्य कुमार प्रेमी
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
हरिक मोड़ पर जिंदगी,
sushil sarna
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"बस्तर का बोड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...