परिवार(2)
परिवार सदा उम्मीदों को, ऊंची उड़ान देतें हैं,
जीवन में हर मुसीबत का, समाधान देतें हैं ।
परिवार प्यास मे गंगा, यमुना की धार बना करते हैं,
बीच भंवर मे नांव फसे तो, पतवार बना करते है ।।
परिवार मात्र बीबी बच्चों का नाम नहीं होता,
परिवार कभी अलगाव भरा पैगाम नही होता ।
परिवार कभी एहसासों का, गला घोटा नही करते,
प्रतिकूल परिस्थिति में भी, मन छोटा नही करते।।
परिवार साथ हो तो संताने, राम जैंसी होंगी,
हो वरदान विधाता का तो, कलाम जैसी होंगी।
परिवार छांव हैं बरगद की, परिवार सुखों की डोरे हैं,
ये घोर निशां मे दीपक हैं और पावन मधुर सवेरें हैं ।।
©अभिषेक पाण्डेय अभि