परिवर्तन
परिवर्तन
होता है विरोध
हर परिवर्तन का
नहीं आता रास परिवर्तन
यथास्थितिवादियों को
वे लगा देते हैं
एड़ी-चोटी का जोर
परिवर्तन रोकने के लिए
लेकिन आज तक
नहीं रोक पाया कोई
परिवर्तन को
क्योंकि परिवर्तन है
प्रकृति का नियम
थोड़े हो-हल्ले
थोड़े शोर-शराबे
के बाद
अपना लिया जाता है
परिवर्तन
क्योंकि हर विध्वंस
बना जाता है रास्ता
नव-निर्माण का
-विनोद सिल्ला©