परिणाम से डरो नहीं
दूर से बुला रही विभावरी उषा समीप
सामने पहाड़ है दहाड़ से डरो नहीं।
चाल ढाल नेक भाव साम्य का सुझाव साथ
जीत पास आ रही चुनाव को करो सही।।
साम दाम दण्ड भेद सृष्टि का विधान एक
काल के कराल से डरे सभी नरो ग्रही।
शस्त्र जो उठा लिया सवाल पुण्य पाप शून्य
भाग्य का लिखा हुआ विधान जो भरो वही।।