Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Feb 2017 · 1 min read

परिचय

परिचय ख़ुद से कर मना,मिले ख़ुदी का भान ।
उससे नित हो सामना ,रमे उसी
में ध्यान ।
रमे उसी में ध्यान,होय अजपा-
जप अरचय।
मिले परम-पद स्थान, किया जब
ख़ुद से परिचय।।

Language: Hindi
1 Like · 912 Views

You may also like these posts

जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
S
S
*प्रणय*
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
तपन ने सबको छुआ है / गर्मी का नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
उससे शिकायत यह नहीं कि
उससे शिकायत यह नहीं कि
gurudeenverma198
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
तुमसे एक पुराना रिश्ता सा लगता है मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नजरिया
नजरिया
नेताम आर सी
"शिक्षक"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा हिंदी दिवस
मेरा हिंदी दिवस
Mandar Gangal
काली छाया का रहस्य - कहानी
काली छाया का रहस्य - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
खेल सारा सोच का है, हार हो या जीत हो।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का दूसरा वर्ष (1960 - 61)*
Ravi Prakash
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्
Vandana Namdev
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
अहं का अंकुर न फूटे,बनो चित् मय प्राण धन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
कुछ आप भी तो बोलिए।
कुछ आप भी तो बोलिए।
Priya princess panwar
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
तेरा मेरा रिस्ता बस इतना है की तुम l
Ranjeet kumar patre
दीदार-ए-इश्क
दीदार-ए-इश्क
Vivek saswat Shukla
थप्पड़ एक किसान का खाकर
थप्पड़ एक किसान का खाकर
Dhirendra Singh
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
मैं जैसा हूँ लोग मुझे वैसा रहने नहीं देते
VINOD CHAUHAN
सच्चे लोग गुस्सा बहुत करते है
सच्चे लोग गुस्सा बहुत करते है
shabina. Naaz
4768.*पूर्णिका*
4768.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
इंसान होकर जलने से बेहतर है,
श्याम सांवरा
एक कवि हूँ
एक कवि हूँ
Meera Thakur
दहेज एक समस्या– गीत।
दहेज एक समस्या– गीत।
Abhishek Soni
चौपाई - तुलसीदास
चौपाई - तुलसीदास
Sudhir srivastava
बरखा
बरखा
Neha
विनती
विनती
D.N. Jha
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।
Vijay kumar Pandey
Loading...