परिचय कलम का
कविता नही लिखता मे हँसने हँसाने की,
न दुश्मन की न दुश्मन को उकसाने की l
कविता लिखता हूँ मे सब को राह दिखाने की,
क्योकि जरूर है हमे हमारी संस्कृति बचाने की ll
कविता नही लिखता मे हँसने हँसाने की,
न दुश्मन की न दुश्मन को उकसाने की l
कविता लिखता हूँ मे सब को राह दिखाने की,
क्योकि जरूर है हमे हमारी संस्कृति बचाने की ll