परिचय एक किसान की
?? परिचय एक किसान की??
हैरान हूं,परेशान हूं
दर-दर ठोकर खाकर भी खड़ा रहने वाला चट्टान हूं।
हालातों से जो हार न माने,
मैं वो इंसान हूं
हां मैं किसान हूं-2……(1)
तवे जेठ की धूप सहकर,
दिन-रात भूखे पेट रहकर।
खेतों में अन्न उगाने वाला,
मैं वो जवान हूं
हां मैं किसान हूं-2…….(2)
दिन-रात परिश्रम करता हूं,
जन-जन का पेट मैं भरता हूं।
फिर भी है मेरी दीन दशा,
मैं इसीलिए परेशान हूं
हां मैं किसान हूं-2…….(3)
पडे किसी आफत में जीना,
चीरकर धरती का सीना।
हर एक फसल उगाता,
और उगाता धान हूं।।
हां मैं किसान हूं-2…….(4)
✍️ प्रजापति कमलेश बाबू ?