– परिंदे कैद नही किए जाते –
– परिंदे कैद नही किए जाते –
आसमान में उड़ने दो इनको,
स्वच्छंद विचरण करने दो इन्हे,
करते है यह मोहब्बत तो करने दो इन्हे,
इनको न ही कोई जात पात न ही कोई धर्म से मतलब होता है,
यह तो मंदिर ,मस्जिद ,गिरजाघर की छत पर भी बैठ जाते है,
इनका तो यह सारा जहां है,
इनके लिए धरती और आसमान समान है,
इनको न करो कैद पिंजरे में,
इनको आसमान में स्वच्छंद विचरण करने दो,
परिंदे कैद नही किए जाते,
इनको खुले आसमान में उड़ने दो,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान