परिंदा
बन परिंदा उड़ चला हूं!
अभी उड़ान बाकी है!
खामोश रहना साथियों
मंजिलें मुकाम परिणाम बाकी है!!
लेखक:- उमेश बैरवा
बन परिंदा उड़ चला हूं!
अभी उड़ान बाकी है!
खामोश रहना साथियों
मंजिलें मुकाम परिणाम बाकी है!!
लेखक:- उमेश बैरवा