पराली के धुएँ से ज्यादा,कोई देश भक्त नहो हो सकता –आर के रस्तोगी
पराली के धुएँ से ज्यादा,कोई देश भक्त नहीं हो सकता |
दिल्ली को छोड़,वह इस्लामाबाद व लाहौर नहीं जा सकता ||
क्यों न करे स्वागत,इस पराली के धुएं का हम सब
वह दुश्मन को अमृत तो क्या जहर भी नहीं दे सकता ||
पराली की धुएँ ने दिल्ली को इतना ढक कर रक्खा है |
दुश्मन उस पर अपने हवाई जहाज नहीं उडा सकता ||
आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)