पराग और सुगंध
दिनांक 1/4/19
विधा – पिरामिड
1
ये
राग
पराग
समाए हैं
फूल पुष्पों में
भौंरे मंडराते
यहाँ तो कभी वहाँ
2
है
तब
बगिया
सुंदर सी
फूल खिले हो
भौंरे उड़े यहाँ
पराग गंध वहाँ
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल
दिनांक 1/4/19
विधा – पिरामिड
1
ये
राग
पराग
समाए हैं
फूल पुष्पों में
भौंरे मंडराते
यहाँ तो कभी वहाँ
2
है
तब
बगिया
सुंदर सी
फूल खिले हो
भौंरे उड़े यहाँ
पराग गंध वहाँ
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल