परख लो रास्ते को तुम…..
ज़रूरी है सफ़र में पांव रखने से ज़रा पहले।
परख लो रास्ते को तुम विचरने से ज़रा पहले।।
न ऐसा हो कि सुनते ही किसी का टूट जाये दिल,
बहुत सोचो कोई भी बात कहने से ज़रा पहले।।
हज़ारों बार खाये थे कसम जो साथ रहने की,
उसे तो याद कर लेते बिछड़ने से ज़रा पहले।।
करेगा क्या किसी की बात पर विश्वास फिर कोई,
मनन तुम ख़ूब कर लेना मुकरने से ज़रा पहले।।
अचानक ही कहीं पर आग लग जाती नहीं कोई,
धुआँ उठता यक़ीनन है सुलगने से ज़रा पहले।।
ज़माना हो गया देखे हसीं चेहरा उसे कोई,
कि दर्पन साफ़ कर लेना सँवरने से ज़रा पहले।।
जिगर का आँख से रिश्ता अगर होता नहीं कोई,
न आते “अश्क” आँखों में टपकने से ज़रा पहले।।
© अशोक कुमार “अश्क चिरैयाकोटी”
दि०:05/06/2022