Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2024 · 1 min read

पनघट

#विषय – पनघट

पनघट पर सखियाँ खड़ी।
लिए मटकी हाथ।।
राह तक रही सहेलियाँ।
कर रही बतियाँ साथ।।
पानी भरने मै भी चली।
मटकी माथे लिए साथ।।
पानी भरकर गप्पे मार।
लौट चले सखियाँ साथ।।
कुआ गांव का था विख्यात।
गांव की ये विशेष बात।।
पुरे गांव की सखियाँ वहीं मिलती।
पानी भरती साथ ।।
पहले जैसा अब कहां।
ये पनघट सब गांवों के साथ।।
घर घर में जेट पंप है।
अब कहां पनघट की बात।।

स्वरचित – कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.

Language: Hindi
2 Likes · 33 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
इन फूलों से सीख ले मुस्कुराना
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ना कुछ जवाब देती हो,
ना कुछ जवाब देती हो,
Dr. Man Mohan Krishna
रेशम की डोर राखी....
रेशम की डोर राखी....
राहुल रायकवार जज़्बाती
पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा,
पीर मिथ्या नहीं सत्य है यह कथा,
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
युही बीत गया एक और साल
युही बीत गया एक और साल
पूर्वार्थ
हर रोज़ सोचता हूं यूं तुम्हें आवाज़ दूं,
हर रोज़ सोचता हूं यूं तुम्हें आवाज़ दूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गिफ्ट में क्या दू सोचा उनको,
गिफ्ट में क्या दू सोचा उनको,
Yogendra Chaturwedi
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
मैं तन्हाई में, ऐसा करता हूँ
gurudeenverma198
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
डॉक्टर रागिनी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
जीवन में चुनौतियां हर किसी
नेताम आर सी
मा ममता का सागर
मा ममता का सागर
भरत कुमार सोलंकी
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
धोखा देना या मिलना एक कर्ज है
शेखर सिंह
कुछ बातें ज़रूरी हैं
कुछ बातें ज़रूरी हैं
Mamta Singh Devaa
3363.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3363.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
*चलती का नाम गाड़ी* 【 _कुंडलिया_ 】
*चलती का नाम गाड़ी* 【 _कुंडलिया_ 】
Ravi Prakash
हाइकु: गौ बचाओं.!
हाइकु: गौ बचाओं.!
Prabhudayal Raniwal
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
उतर चुके जब दृष्टि से,
उतर चुके जब दृष्टि से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
विचार और रस [ एक ]
विचार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
एक समझदार व्यक्ति द्वारा रिश्तों के निर्वहन में अचानक शिथिल
Paras Nath Jha
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
उम्मीद - ए - आसमां से ख़त आने का इंतजार हमें भी है,
manjula chauhan
मै नर्मदा हूं
मै नर्मदा हूं
Kumud Srivastava
कुछ बात थी
कुछ बात थी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"पैसा"
Dr. Kishan tandon kranti
हर रोज़ यहां से जो फेंकता है वहां तक।
हर रोज़ यहां से जो फेंकता है वहां तक।
*प्रणय प्रभात*
मेरे मुक्तक
मेरे मुक्तक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मेरा चाँद न आया...
मेरा चाँद न आया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...