“पढ़ाई “
“पढ़ाई”
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करो बच्चों, अब से पढ़ाई;
मत करो, अब तुम लड़ाई;
जीवन में, यही काम आये;
जो ना पढ़े, सदा पछताए।
पढ़कर बनते, हम विद्वान;
आते, अपने देश के काम;
विद्वान ही बने, इंजीनियर;
या बने, डॉक्टर या मास्टर।
पढ़ाई, जीवन में जरूरी है:
पढ़ना बच्चों की मजबूरी है,
पढ़कर सीखते हम संस्कार,
पढ़ाई ही लगाए, बेड़ा -पार।
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…… ✍️ प्रांजल
………कटिहार।।