पद(राम गंगा क्यों दिखे उदास)
रामगंगा क्यों दिखे उदास
यूँ तो गंगा मात हमारी, जगह दिलों में इसकी खास।
इसके पावन जल से होता, मन के भी पापों का नाश।
मगर हुआ है अब तो मानव, भौतिकता का पूरा दास।
और गलतियों का भी अपनी, उसे नहीं बिल्कुल आभास ।
कूड़ा मलवा ई कचरे का , हुआ रामगंगा में वास ।
बना रहा है जहरीला जल , हमें काल का देखो ग्रास।
सभी कसम ये मिलकर खाएं, मन मे रखकर पूरी आस ।
नहीं डालने देंगे कूड़ा ,कहीं किसी को इसके पास।
और स्वच्छ रखेंगे इसको, ध्यान रहेगा इसका खास।
1306-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद