पथ सहज नहीं रणधीर
अपनी जीत पर अधिक,
उल्लास ना कर
मंजिल अभी आगे है
यह नजर अंदाज न कर
कर्तव्य पथ में बिखरे हैं
शूल अनंत यह ध्यान धर
पथ सहज नहीं रणधीर
ये संज्ञान कर ।
अभिमान नहीं संघर्षी
तू स्वाभिमान कर,
प्रतिकार नहीं रणधीर
तू अपकार कर
हर तबके का निस्वार्थ
तू उत्थान कर
निज प्रेम प्रफुल्लित होकर
गरीब का तू सम्मान कर ।
बाल मज़दूरी करते बच्चों का
तू उद्धार कर
लाना है शिक्षा के मंदिर में
इन्हे , तू कुछ कर
भर आत्मविश्वास इनमें,
शिक्षित होने का ,तू इतना कर
अवरुद्ध हुए मार्गों का
तू नवनिर्माण कर ,
संकीर्ण मानसिक विचारों का
तू प्रत्याहार कर ,
नवीन ज्ञान का उनमें
तू संचार कर
मंज़िल अभी और आगे है
तू ये संज्ञान कर ।
बस हृदय में अपने ठान ले
कठिन पथ को सरल कर
अशिक्षित को शिक्षित
अज्ञानी को तू निर्देशित कर
मंज़िल जब हट कर सोची
जाती है ये स्मृति धर
सफलता जीवन की कहानी
बन जाती है तू चिंतन कर।
~ श्रवण सिंह
(NCERT RIE BHOPAL)