पथप्रदर्शक
प्रभाव में रहना, प्रवाह में बहना
अफवाहों की महफिल है मूर्खों का गहना।
चुनते है खुद के रास्ते सच्ची नियति के साथ,
संघर्ष के सफर पर चुनते है चलते रहना।।
कांटो भरा सफर हो, न कोई हमसफर हो
वो खौफ नहीं खाते कितना बड़ा समर हो।
बदलाव वही लाते सद्भाव वही लाते,
“संजय” अभाव में भी, घोर समर जैसी जिनकी रही डगर हो।।
संजय