Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 2 min read

पत्रिका प्रभु श्री राम की

पत्रिका प्रभु श्री राम की

मास चैत्र तिथि थी नवमी था पुनर्वसु नक्षत्र
कर्क लग्न में पांच ग्रह थे उच्च स्थान पदस्थ
उच्च स्थान पदस्थ चंद्र लग्न में स्वराशि था
जब जन्में श्री राम बृहस्पति था लग्न पदस्थ

स्वराशि होकर चंद्र देव बैठे हैं लग्न भाव में प्रभु राम के
बृहस्पति देव विराजे हैं उच्च के लग्न भाव में प्रभु राम के
चंद्र देव एक ओर जहांप्रभु को सौम्य और रूपवान बनाता है
वहीं दूजी ओर गुरु देव ने धर्म अध्यात्म और ज्ञान बढ़ाता है

सप्तम भाव पर देव गुरु नीच और मारक दृष्टि पड़ती है
सप्तम भाव में मंगल देव भी उच्च राशि के होकर बैठे हैं
ग्रहों का ऐसा संयोजन कुंडली में जो दिखाई पड़ता है
दांपत्य जीवन की राह में कष्ट और दुख बतलाता है

नवम भाव पर बृहस्पति देव की अमृत दृष्टि दिखाई देती है
पंचम भाव पर देव गुरु ब्रहस्पति ने अपनी नजर टिकाई है
नवम भाव के प्रबल होने से प्रभु के भाग्य का उदय हुआ
पंचम भाव के बली होने से प्रभु ने बुद्धि में निपुणता पाई है

नवम भाव में सुख के कारक उच्च के होकर बिराजे हैं
युति बनाकर केतु के संग राहु से सप्तम दृष्टि पाए हैं
हमने देखा प्रभु का जीवन भौतिक सुख साधन से दूर रहा
राहु और केतु के अक्ष में केतु संग शुक्र देव विराजे हैं

तृतीय भाव में बिराजे राहु उच्च के अपना खेल दिखाते हैं
चतुर्थ भाव में उच्च के शनि देव चक्रवर्ती योग बनाते हैं
राहु के प्रभाव ने प्रभु को शत्रुहंता और पराक्रमी बनाया है
मातृ भाव में उच्च के शनि माता के सुख में कमी बताते हैं

पिता के कारक सूर्य देव पर शनि की मारक दृष्टि पड़ती है
मातृ भाव में वैसे ही शनि पर सूर्य की मारक दृष्टि पड़ती है
प्रभु के जीवन को इन दोनों ने एक समान प्रभावित किया
एक तरफ माता का तो दूजी ओर पिता का वियोग दिया

इस प्रकार हम देखें तो पत्रिका प्रभु राम की अनूठी है
चार ग्रहों की अपनी उच्च की राशि में केंद्र में उपस्थिति है
अधिकतम योगों से परिपूर्ण होकर भी जीवन संघर्षपूर्ण रहा
मंगल देव और शनि देव की भूमिका बड़ी ही प्रभावी है

इति।

इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश

2 Likes · 81 Views
Books from इंजी. संजय श्रीवास्तव
View all

You may also like these posts

मुक्तक
मुक्तक
पंकज परिंदा
नारी शक्ति
नारी शक्ति
राधेश्याम "रागी"
रास्तों में फिर वही,
रास्तों में फिर वही,
Vishal Prajapati
रुला दे कोई..
रुला दे कोई..
हिमांशु Kulshrestha
Dr. Arun Kumar Shastri
Dr. Arun Kumar Shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Jeewan
Jeewan
Gunjan Sharma
ठोकरें खाये हैं जितना
ठोकरें खाये हैं जितना
Mahesh Tiwari 'Ayan'
" घास "
Dr. Kishan tandon kranti
आऊंगा एक दिन,
आऊंगा एक दिन,
डी. के. निवातिया
मेरे अपने
मेरे अपने
Rambali Mishra
हम अभी ज़िंदगी को
हम अभी ज़िंदगी को
Dr fauzia Naseem shad
तू शौक से कर सितम ,
तू शौक से कर सितम ,
शेखर सिंह
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
लगे रहो भक्ति में बाबा श्याम बुलाएंगे【Bhajan】
Khaimsingh Saini
*शक्ति आराधना*
*शक्ति आराधना*
ABHA PANDEY
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
हमारा ऐसा हो गणतंत्र।
सत्य कुमार प्रेमी
माना कि हम साथ नहीं
माना कि हम साथ नहीं
Surinder blackpen
नित्यता सत्य की
नित्यता सत्य की
Dr MusafiR BaithA
सनातन धर्म।
सनातन धर्म।
Priya princess panwar
लक्ष्य
लक्ष्य
Suraj Mehra
बोलता इतिहास 🙏
बोलता इतिहास 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"कोई कुछ तो बता दो"
इंदु वर्मा
2716.*पूर्णिका*
2716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
कोई दुनिया में कहीं भी मेरा, नहीं लगता
Shweta Soni
खोटा सिक्का
खोटा सिक्का
Mukesh Kumar Sonkar
*युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)*
*युगों-युगों से देश हमारा, भारत ही कहलाता है (गीत)*
Ravi Prakash
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
Neeraj Naveed
ज़माने की नजर से।
ज़माने की नजर से।
Taj Mohammad
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
समय ही तो हमारी जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
Loading...