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23 Nov 2021 · 1 min read

पत्रकारिता : फ़ैशन और पैशन

गलत धंधेबाज लोग मजे से जीवन काट रहे हो और मैं सच्चाई का चबेना चबा रहा हूँ, तो मेरा फ़र्ज़ है कि उनके द्वारा गलत तरीके से प्राप्त सुख की बुखार को उतारा जाय, फिर उसे कानून के हवाले किया जाय! वैसे व्यक्ति मुझे भी ‘करप्शन’ में सन्नद्ध करना चाहेगा, किन्तु उससे पूर्व ही व उनकी मीमांसा को समझते हुए तत्काल उनके बुखार को उतार ही देने चाहिए । कानून का सम्मान करते हुए किसी भी तरह के करप्शन के विरुद्ध लड़ ही जाना चाहिए और उनका मुँहतोड़ जवाब देना चाहिए ।

पत्रकारिता आजादी से पहले एक मिशन थी। आजादी के बाद यह एक प्रोडक्शन बन गई। हाँ, बीच में आपातकाल के दौरान जब प्रेस पर सेंसर लगा था। तब पत्रकारिता एक बार फिर थोड़े समय के लिए भ्रष्टाचार मिटाओ अभियान को लेकर मिशन बन गई थी। धीरे-धीरे पत्रकारिता प्रोडक्शन से सेन्सेशन एवं सेन्सेशन से कमीशन बन गई है।
आशा है, भारतीय प्रेस इन सब गलत और दंभी आचरण से मुक्त हो ‘निर्गुट’ व तटस्थ भाव से कार्य कर सचमुच में देश के चतुर्थ स्तंभ साबित होते रहेंगे!

Language: Hindi
Tag: लेख
6 Likes · 2 Comments · 272 Views
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