Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Nov 2021 · 1 min read

पत्नी (पांच दोहे)

पत्नी : ( पाँच दोहे )
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””’
(1)
भारत-भर में पत्नियाँ रखतीं व्रत उपवास
इनके मन में है सदा ,पतिदेवों का वास
(2)
पत्नी का आदर करो, पत्नी से परिवार
पत्नी घर की दिव्यता, पत्नी शुभ्र विचार
(3)
क्या रक्खा है चाँद में ,नभ पर दिखता रोज
पत्नी का मुख- चन्द्रमा ,अमृत इसमें खोज
(4)
मरे-जिए किसको खबर ,दुनिया लापरवाह
पति की लम्बी उम्र हो , पत्नी की बस चाह
(5)
बेटे बहुएँ ले गईं , बेटी है ससुराल
पतिदेवों का रख रही ,पत्नी केवल ख्याल
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
312 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
सब धरा का धरा रह जायेगा
सब धरा का धरा रह जायेगा
Pratibha Pandey
वो पुराने सुहाने दिन....
वो पुराने सुहाने दिन....
Santosh Soni
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
माना कि मेरे इस कारवें के साथ कोई भीड़ नहीं है |
Jitendra kumar
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
ये जो नफरतों का बीज बो रहे हो
Gouri tiwari
*नमन सेल्युलर जेल, मिली जिससे आजादी (कुंडलिया)*
*नमन सेल्युलर जेल, मिली जिससे आजादी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तुम और तुम्हारा झुमका-एक विमर्श
तुम और तुम्हारा झुमका-एक विमर्श
Awadhesh Singh
बुद्धिमान हर बात पर,
बुद्धिमान हर बात पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
रिश्तों में आपसी मजबूती बनाए रखने के लिए भावना पर ध्यान रहना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
‌‌‍ॠतुराज बसंत
‌‌‍ॠतुराज बसंत
Rahul Singh
कई बार हमें वही लोग पसंद आते है,
कई बार हमें वही लोग पसंद आते है,
Ravi Betulwala
#शेर-
#शेर-
*प्रणय प्रभात*
मौत के लिए किसी खंज़र की जरूरत नहीं,
मौत के लिए किसी खंज़र की जरूरत नहीं,
लक्ष्मी सिंह
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
मेरी बातें दिल से न लगाया कर
Manoj Mahato
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
मै जो कुछ हु वही कुछ हु।
पूर्वार्थ
हॅंसी
हॅंसी
Paras Nath Jha
एक किताब खोलो
एक किताब खोलो
Dheerja Sharma
🤔🤔🤔
🤔🤔🤔
शेखर सिंह
एक हैसियत
एक हैसियत
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
ओसमणी साहू 'ओश'
बसंत का मौसम
बसंत का मौसम
Awadhesh Kumar Singh
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
ग़ज़ल:- रोशनी देता है सूरज को शरारा करके...
अरविन्द राजपूत 'कल्प'
काश हुनर तो..
काश हुनर तो..
Dr. Kishan tandon kranti
3022.*पूर्णिका*
3022.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
विश्व हिन्दी दिवस पर कुछ दोहे :.....
sushil sarna
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
है गरीबी खुद ही धोखा और गरीब भी, बदल सके तो वह शहर जाता है।
Sanjay ' शून्य'
इक दिन तो जाना है
इक दिन तो जाना है
नन्दलाल सुथार "राही"
बिना आमन्त्रण के
बिना आमन्त्रण के
gurudeenverma198
Loading...