Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Oct 2019 · 1 min read

पत्नी घर.की रानी है

पत्नी जो घर की रानी है
जीवन में वह महारनी है

प्यार से बोलो तो मचलती
मौसम को कहे बेईमानी है

देर से आओ तो अकड़ती
आँखों में मय की रवानी है

कुछ भी कहो तो भड़कती
तैवर उसके बड़े तुफानी है

ना कहने दे ना ही सुनने दें
जुबान शांत नही गुर्रानी है

पति मुश्किल में चाहे फँसा
सोचे दो घूँट हाला लगाली है

सज संवर कर इंतजार करे
उसकी हर अदा मस्तानी है

नाक पर मक्खी ना बैठने दें
नाज नखरे बहुत बर्फानी हैं

मायके में सदा वो डूबी रहे
ससुराल समझे नादानी है

पैगार दिवस हो खुश रहती
गृहमंत्रालय मंत्री सयानी हैं

पूरे घर का सदा ख्याल रखे
घर की वह सुंदर बहुरानी है

सुखविंद्र सिंह मनसीरतपत

Language: Hindi
449 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जीवन सबका एक ही है
जीवन सबका एक ही है
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम और आदर
प्रेम और आदर
ओंकार मिश्र
*अंगूर (बाल कविता)*
*अंगूर (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दहेज की जरूरत नहीं
दहेज की जरूरत नहीं
भरत कुमार सोलंकी
सत्य दीप जलता हुआ,
सत्य दीप जलता हुआ,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मौन मंजिल मिली औ सफ़र मौन है ।
मौन मंजिल मिली औ सफ़र मौन है ।
Arvind trivedi
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
अंबर तारों से भरा, फिर भी काली रात।
लक्ष्मी सिंह
तमाशा
तमाशा
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
देख चिता शमशान में,
देख चिता शमशान में,
sushil sarna
जय श्री राम !
जय श्री राम !
Mahesh Jain 'Jyoti'
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
- एक दिन जरूर जीत जाओगे -
- एक दिन जरूर जीत जाओगे -
bharat gehlot
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
मुकम्मल क्यूँ बने रहते हो,थोड़ी सी कमी रखो
Shweta Soni
इंसान और गलतियां
इंसान और गलतियां
पूर्वार्थ
फिर  किसे  के  हिज्र  में खुदकुशी कर ले ।
फिर किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले ।
himanshu mittra
*कुल मिलाकर आदमी मजदूर है*
*कुल मिलाकर आदमी मजदूर है*
sudhir kumar
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
यह जिंदगी मेरी है लेकिन..
Suryakant Dwivedi
दिल की बात
दिल की बात
Poonam Sharma
मैं स्त्री हूं
मैं स्त्री हूं
indu parashar
तुम्हारा स्पर्श
तुम्हारा स्पर्श
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
"मेरे अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदना की आस
संवेदना की आस
Ritu Asooja
दुनिया से सीखा
दुनिया से सीखा
Surinder blackpen
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है
यदि है कोई परे समय से तो वो तो केवल प्यार है " रवि " समय की रफ्तार मेँ हर कोई गिरफ्तार है
Sahil Ahmad
हौसले से जग जीतता रहा
हौसले से जग जीतता रहा
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
राम दर्शन
राम दर्शन
Rajesh Kumar Kaurav
माँ की यादें
माँ की यादें
Shashi Mahajan
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
Kumar Kalhans
Loading...