पत्थर
दे..लालच… देश में दंगा कराया है ।।
यहाँ.भाई से…भाई को…लड़ाया है ।।
फसाते चंद सिक्को का देकर लालच ।।
उन्ही..के हाथ में..पत्थर थमाया है ।।
** आलोक मित्तल **
दे..लालच… देश में दंगा कराया है ।।
यहाँ.भाई से…भाई को…लड़ाया है ।।
फसाते चंद सिक्को का देकर लालच ।।
उन्ही..के हाथ में..पत्थर थमाया है ।।
** आलोक मित्तल **