-पत्थर सा दिल है तेरा –
पत्थर सा दिल है तेरा –
पत्थर सा दिल है तेरा ,
पिघलता नही है,
नाजुक सा दिल है यह मेरा,
अक्सर टूट जाता है तेरे रूठने से,
तेरे नखरे भी है अजब कमाल,
कहर ढहाती है तेरी नागिन सी चाल,
मदहोश कर देती तेरी तिरछी नजर,
घायल कर देती मुझे कर देती तेरी आंखे वो कमाल,
रहम मेरे दिल पर यह खाता नही है,
पत्थर सा दिल है तेरा,
पिघलता नही है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान