पत्थरो से कैसे सिकवा
पत्थरो से कैसे सिकवा ,
चोट तो आनी ही थी
उसने नहीं कहा दिल लगाओ
छोड़ तो जानी ही थी
किसी से वफ़ा की उम्मीद मत रखना,
दिल की जगह पत्थर लिए फिरते है,
चोट तो खानी ही थी।
(अवनीश कुमार)
पत्थरो से कैसे सिकवा ,
चोट तो आनी ही थी
उसने नहीं कहा दिल लगाओ
छोड़ तो जानी ही थी
किसी से वफ़ा की उम्मीद मत रखना,
दिल की जगह पत्थर लिए फिरते है,
चोट तो खानी ही थी।
(अवनीश कुमार)