पति परमेश्वर
हम कैसे हैं भक्त बने यह
अब समझ में आया है
भांग धतूरा खाने वाला
सच्चा भक्त बन आया है
जिसके ऊपर गंगाधारण
वह शिव भक्त कहलाया है
अब तो समझो मानो तुम
ये क्या कुकर्म कराया है
गोरा भी यह कहती सबसे
मेरा पति सबसे निराला है
मैं पूजू अपने ही पति को
तुम क्यों नहीं पूजन करती हो
छोड़ो वो आडंबर माया
मेरा पति तो भोले भंडारी हो
विश्व विदित का ज्ञान है सबको
फिर क्यों प्रपंचों में पड़ा है
हां । मैं हूं पार्वती शिव शक्ति
हां । तुम बनो अपने पति शक्ति
शक्ति जब तुम बन जाओगी
बाधाओं का भूचाल फूट जाएगा
फिर लोग तुम्हें ही खा जाएंगे
तुम्हारे ऊर पै कंलको की बरसात होगी
क्या झेल पाओगी उन बाधाओं को
जो मैं अपने जीवन भर झेली
मैं पार्वती हूं
ना शंकर बनना था
ना पार्वती बनना
बस ।हे सुरेखत्व।
अपने स्वामी को परमेश्वर मानना था।
**प्रेमदास वसु सुरेखा***