“पति परमेश्वर “
“पति परमेश्वर ”
राज एहसान फरामोश मैं
कैसे करूं शुक्रिया तेरा ?
हर पल मुझे सहारा दिया
जीवन सफल बनाया मेरा,
कठिनाई जब हुई महसूस
मन से बस तुझे पुकारा
हर जरूरत मेरी पूरी की
हौंसला देकर मुझे संवारा,
गर्व करूं तुझ सा पति पाकर
न्यौछावर तेरी शराफत पर
हुनर को मेरे पहचाना
गुरू बनकर मुझे निखारा,
मेरे सपनों संग भरी उड़ान
लक्ष्य का रास्ता दिखाया
बच्चों का दिया प्यारा एहसास
जिन्होनें मुझे मां पुकारा,
काबिलियत मेरी मुरीद तेरी
सारी सफतलाएं तुझ पर कुर्बान
मीनू को चमकाया जग में
दिन रात तराश कर बनाया हीरा,
बिन तेरे सब मुमकीन ना था
जालिम जग का था कटु पहरा
परछाई ज्यों संग चले मेरे
पति मेरा परमेश्वर से भी गहरा ।