पति पत्नी का रूहानियत रिश्ता
पति-पत्नी का रूहानियत रिश्ता
सहयोग,समर्थन बिना ना निभता
एक ही सिक्के के दो होते पहलू
एक दूसरे बिन साथ नहीं निभता
एक गाड़ी के दो पहिए सदा होते
अकेले अकेले काम नहीं चलता
प्यार भरा और विस्वास भरा है
तकरार बिना तान नहीं छिड़ता
बच्चे होते हैं रेलगाड़ी के पहिए
डिब्बों संग कुटुम्ब साज बजता
एख छत के नीचे संग-संग रहते
घर के बिना ठहराव ना मिलता
मान सम्मानित हो,शंका से दूर
बिना विस्वास नहीं यह टिकता
रिश्तेदार होते हैं उड़ते परिंदे से
खुशियों भरा आकाश है मिलता
घर परिवार के दोनों सूत्रधार हैं
दोनों के जरिये परिवार टिकता
सुख दुख में होते हैं सुखी दुखी
सुख दुख में रहे है साथ मिलता
सितार की तारों के ताने बाने से
सिरहन बिन प्रेमराग ना छिड़ता
पति होता धन अर्जन का साधन
पत्नी बिना धन सर्जन ना करता
भार्या घर की होती अमूल्य गहना
जिस बिना घर कभी नही सजता
पत्नी होती है अनमोल खजाना
पती खजाने का पहरा रहे करता
पति- पत्नी होते हैं दोनों दर्पण से
सुखविंद्र नैनों में रहे चेहरा दिखता
पति- पत्नी का रूहानियत रिश्ता
सहयोग-समर्थन बिना ना निभता
-सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)
9896872258