Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2020 · 1 min read

पति की चिता को पत्नी ने दी मुखाग्नि

(सत्यम घटना पर आधारित कविता)

पति चिता को मुखाग्नि देने की, सत्य एक करुण कहानी है
नारी के सेवा साहस की, अनुपम एक निशानी है
कैराना पीड़ित एक पति, अस्पताल में भर्ती थे
पत्नी सेवा करती थी, डॉक्टर मना करते थे
हालत बिगड़ गई पति की, पति मौत से हार गए
भाई बंधु और कुटुंब कबीला, संस्कार से मुकर गए
मृत शरीर के संस्कार को, अग्नि दान को नहीं गए
देख स्थिति प्रशासन ने, अंतिम संस्कार की ठानी
पर उस साहसी पत्नी ने, स्वयं संस्कार करने की ठानी
कंधा दिया उसने अर्थी को, रसमें सभी निभाईं
अग्नि दान दिया पति को, श्मशान में अंतिम विदाई
अंतिम सांस तक बिना डरे, सेवा की रीत निभाई
लावारिस ना छोड़ा पति को, धन्य धन्य हे माई
दरवाजे की चौखट तक, पत्नी साथ निभाती है
आज तोड़ दिए भ्रम सारे, श्मशान घाट तक जाती है
सेवा साहस करुणा को, हम प्रणाम करते हैं
धन्य है हे भारत की नारी, हम सम्मान प्रकट करते हैं

Language: Hindi
11 Likes · 11 Comments · 699 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
आजकल लोग का घमंड भी गिरगिट के जैसा होता जा रहा है
आजकल लोग का घमंड भी गिरगिट के जैसा होता जा रहा है
शेखर सिंह
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
कवित्व प्रतिभा के आप क्यों ना धनी हों ,पर आप में यदि व्यावहा
DrLakshman Jha Parimal
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
दुनिया में कहीं से,बस इंसान लाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
धर्म के परदे  के   पीछे,  छुप   रहे    हैं  राजदाँ।
धर्म के परदे के पीछे, छुप रहे हैं राजदाँ।
दीपक झा रुद्रा
अंजाना  सा साथ (लघु रचना ) ....
अंजाना सा साथ (लघु रचना ) ....
sushil sarna
"सुनो तो"
Dr. Kishan tandon kranti
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Surinder blackpen
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
ये जो फेसबुक पर अपनी तस्वीरें डालते हैं।
Manoj Mahato
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
*** तुम से घर गुलज़ार हुआ ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमने गुजारी ज़िंदगी है तीरगी के साथ
हमने गुजारी ज़िंदगी है तीरगी के साथ
Dr Archana Gupta
बहुत याद आता है
बहुत याद आता है
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
*ट्रस्टीशिप विचार: 1982 में प्रकाशित मेरी पुस्तक*
Ravi Prakash
कोई  फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
कोई फरिश्ता ही आयेगा ज़मीन पर ,
Neelofar Khan
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
इतना रोए कि याद में तेरी
इतना रोए कि याद में तेरी
Dr fauzia Naseem shad
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
शब्दों की मशाल
शब्दों की मशाल
Dr. Rajeev Jain
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
सच्चे हमराह और हमसफ़र दोनों मिलकर ही ज़िंदगी के पहियों को सह
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
!! स्वर्णिम भारत !!
!! स्वर्णिम भारत !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
3617.💐 *पूर्णिका* 💐
3617.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
जिंदगी मुझसे हिसाब मांगती है ,
Shyam Sundar Subramanian
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
बेशक हुआ इस हुस्न पर दीदार आपका।
Phool gufran
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
यात्राओं से अर्जित अनुभव ही एक लेखक की कलम की शब्द शक्ति , व
Shravan singh
Good Night
Good Night
*प्रणय*
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। न सुख, न दुःख,न नौकरी, न रिश
पूर्वार्थ
इंसानियत
इंसानियत
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
*यूं सताना आज़माना छोड़ दे*
sudhir kumar
तब जानोगे
तब जानोगे
विजय कुमार नामदेव
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
हम अकेले अनमने से हो गये.....!!
पंकज परिंदा
Loading...