* पति एकता जिंदाबाद *
रविवार का दिन था
पीड़ित-प्रताड़ित-पति
जुलूस के साथ नारे लगा
रहे थे …………..
पति एकता जिंदाबाद
पति एकता जिंदाबाद
इतने में पत्नियों का हुजूम
आया …….मै जोर जोर से
नारे लगा रहा था
पति एकता जिंदाबाद
जिन्दा……………..
पीछे देखा तो सभी
पति नदारद …..मै अकेला
पत्नी को देखा तो
सती-पति की याद आयी
बोलने लगा ……….
सती एकता जिंदाबाद-2
पत्नी शेर की तरह गुर्राई
और घर को चली गयी ।।
?मधुप बैरागी