पतझर
पतझर
पतझर में टूटी बिखरी
मुरझायी गिरी धरा तल
देखे थे मैंने कई बसंत
अब जर्जर जीवन के पल
प्यासी पलकें घिर आयी
ढुलक गए हीरक कण
संचित करती उर अंचल
अवशेष यही जीवन धन
रेखांकन।रेखा
पतझर
पतझर में टूटी बिखरी
मुरझायी गिरी धरा तल
देखे थे मैंने कई बसंत
अब जर्जर जीवन के पल
प्यासी पलकें घिर आयी
ढुलक गए हीरक कण
संचित करती उर अंचल
अवशेष यही जीवन धन
रेखांकन।रेखा