पढ़ाई
घनाक्षरी- पढ़ाई
★★★★★★★
हॄदय जो पढ़ सके,
इतिहास गढ़ सके।
क्षण में बता देता है,
मर्म परछाई का।
जीवन में ज्ञान मिले,
सुख का विधान मिले।
मिलता पढ़ाई से ही,
मान गुरुताई का।
नहीं कभी आँच मिले,
झूठ में भी साँच मिले।
तुंग से भी बड़ा करे,
जो महत्व राई का।
पढ़ लिख श्रेष्ठ बनो,
जग में यथेष्ठ बनो।
समझो जगत वालो,
महिमा पढ़ाई का।
★★★★★★★★
शिक्षण का अधिकार,
सबको हो सरोकार।
ज्ञान पाके जनम को,
सफल बनाएंगे।
हम गुणवान बने,
परम महान बने।
शुभता से दुनिया को,
नित महकाएँगे।
गुरुओं की सेवा करे,
ज्ञान घट-घट भरे।
कुंदन सा तप कर,
भाग्य चमकाएंगे।
नहीं कोई वंचित हो,
ज्ञान पुंज संचित हो।
जग स्वर्ग धाम बने,
सबको पढ़ाएंगे।
★★★★★★★
नहीं अंधकार रहे,
ज्ञान उजियार रहे।
मनुजों के हृदय में,
शुभ पुण्य ज्ञान हो।
नहीं भटकाव रहे,
ज्ञान का बहाव रहे।
ध्यान रहे लक्ष्य पर,
शुभता का भान हो।
सत्य का आधार रहे,
शुभ संस्कार रहे।
आने वाली पीढ़ियों में,
विवेक महान हो।
पढ़ाई अनन्य करे,
निज जन्म धन्य करे।
ज्ञानियों में अपना भी,
श्रेष्ठ पहचान हो।
★★★★★★★★
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️
संकुल केंद्र जमदरहा