पगली सहेली
थी एक मेरी पगली सी सहेली,
College के अंतिम दिनों मे मिली थी,
हमेसा मुझे पागल पागल बुलाया करती थी //
जो रूठ जाऊ तो हमेसा मनाया करती थी,
कुछ कह दू गलत, तो गम मे चूर हो जाया करती थी,
देख नहीं सकती थी मुझे problem मे,
इसलिए आँखों से पानी छलकाया करती थी //
थी एक पगली सी सहेली,
जो हमेसा पागल पागल बुलाया करती थी //
हमारे रूठने से उसे फर्क पड़ता था,
इसलिए हर बार मनाया करती थी,
जरा सी भी उसकी बातो पर हस दू..
तो टमाटर की तरह लाल हो जाया करती थी //
ज़ब बात ना करू उससे तो थोड़ी चिंताओं मे डूबी डूबी सी रहती थी,
और ज़ब बात चीत हो जाये चालू, तो बस खुलकर मुस्कुराया करती थी //
थी एक प्यारी पगली सी सहेली,
जो हमेसा पागल पागल बुलाया करती थी //