पगड़ी सम्मान
कह गये बुजुर्ग बडे़ गर
जग में पाना ख्याति है
मान रख लेना पाग़(पगडी) की
चौखट घर की ही तीरथ काशी है ।
पग पग है चले पानें पाग़ का मान
गुरु गोविंद सिंह जी कह गये
पगडी है सिखों का अभिमान ।
सिर पर करे राज जो
बन के हमारा ताज
राजस्थान की शान है
पगडीं का सम्मान ।
हम कटे, मिटे , मरे
आँच न तुझ पर आने दी
सिर उठा कर चलें सदा
लाज न इसकी जाने दी।
रंग बिरंगा इसका रंग
खुशीयों के भी है रंग भरता
राजस्थानी बडे़ सम्मान से
पगडीं है पहनता।
सोनु सुगंध