पकवान
अहा!शीत ऋतु लेकर आईं खुशियां और अनुराग
हर घर पकते पकवान नये,हर घर की अलग है लाग।
कहीं बाजरा खिचड़ी कहीं मक्का रोटी सरसों साग
मूंफली गज्जक रेवड़ी खाते सभी साथ सेकते आग।
कहीं मूंग दाल का हलवा कहीं पकता गाजर पाक।
कोई गूंद लड्डू खाता, कोई पकाता गुड़ आटे के चाक।
दिवस लघु होते अति और लंबी शरद की रातें
शीतल जल से कुल्फी जमें,सो गर्म पानी से नहाते।
नीलम सबको शरद में गरम पकवान हैं भाते
तिल कुट और चूरमा खूब घी डालकर खाते
नीलम शर्मा