Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Aug 2021 · 1 min read

पंचमहाभूत के सागर का मंथन

पंचमहाभूत के सागर में, रत्न कीमती रहते हैं
होता रहता है सागर मंथन, रत्न निकलते रहते हैं
सकारात्मक देव, नकारात्मक दानव ज्ञान अरई से मथते रहते हैं
अमृत निकलने से पहले,बिष भी निकलते रहते हैं
आत्मा रूपी महादेव, बिष को कंठ में धारण करते हैं
रत्न निकलते जाते हैं,मति अनुसार मिल जाते हैं
वासनाओं की चाहत में दानव, देवों से भिड़ जाते हैं
आत्मा रूपी परमात्मा बिष्णु,बारुणी अमृत यथायोग्य दे देते हैं
पंचमहाभूत की सृष्टि में,देव दनुज दोनों रहते हैं
ज्ञान और कर्मेंद्रियों में,प़भाव ये अपने रखते हैं
विवेक रूपी मक्खन से, नियंत्रित होते रहते हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 401 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
सुन लो मंगल कामनायें
सुन लो मंगल कामनायें
Buddha Prakash
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
💐प्रेम कौतुक-333💐
💐प्रेम कौतुक-333💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
वो नेमतों की अदाबत है ज़माने की गुलाम है ।
Phool gufran
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"साकी"
Dr. Kishan tandon kranti
हर जगह मुहब्बत
हर जगह मुहब्बत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कैसे कह दूं पंडित हूँ
कैसे कह दूं पंडित हूँ
Satish Srijan
प्रेम पथिक
प्रेम पथिक
Aman Kumar Holy
प्यासा पानी जानता,.
प्यासा पानी जानता,.
Vijay kumar Pandey
आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
आँखें दरिया-सागर-झील नहीं,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मन की दुनिया अजब निराली
मन की दुनिया अजब निराली
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुस्सा
गुस्सा
Sûrëkhâ Rãthí
कविता: सजना है साजन के लिए
कविता: सजना है साजन के लिए
Rajesh Kumar Arjun
*मंदोदरी (कुंडलिया)*
*मंदोदरी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
विश्व हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
कुछ बात थी
कुछ बात थी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मेरा शहर
मेरा शहर
विजय कुमार अग्रवाल
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
Shashi kala vyas
3058.*पूर्णिका*
3058.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मातृभाषा
मातृभाषा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
ज़िन्दगी चल नए सफर पर।
Taj Mohammad
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो  एक  है  नारी
हुआ क्या तोड़ आयी प्रीत को जो एक है नारी
Anil Mishra Prahari
आंखें मूंदे हैं
आंखें मूंदे हैं
Er. Sanjay Shrivastava
लेशमात्र भी शर्म का,
लेशमात्र भी शर्म का,
sushil sarna
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
मित्रता दिवस पर एक खत दोस्तो के नाम
मित्रता दिवस पर एक खत दोस्तो के नाम
Ram Krishan Rastogi
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जिंदगी का सबूत
जिंदगी का सबूत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
त्रुटि ( गलती ) किसी परिस्थितिजन्य किया गया कृत्य भी हो सकता
Leena Anand
Loading...