*पंचचामर छंद*
पंचचामर छंद
16 वर्ण
विधान- ज र ज र ज गुरु।
पहाड़ विघ्न का मिले, कुघात का प्रहार हो।
विरोध में सुयोग के, डरावना विकार हो।
रुको नहीं झुको नहीं, डरो नहीं थकान से।
बढ़े चलो सुमार्ग में, सुकर्म के सु-यान से।
-©नवल किशोर सिंह
11/04/2022