Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2021 · 1 min read

पंक्ति में व्यंग कहां से लाऊं ?

पंक्ति में व्यंग कहां से लाऊं ?
जब शब्दों में ही रह जाए अभाव ।

अभाव में वह स्वभाव कहां से लाऊं ?
जब स्वभाव में है ,अज्ञानता का लेप ।

अज्ञानता में वह शब्द कहां से लाऊं ?
जब झूठ ना बोलने की है ख्वाहिश ।

ख्वाहिश में खुशी कहां से लाऊं ?
जब खुशी में ही लग जाए ग्रहण ।

ग्रहण तो निकल जाए पर वह
नया सुबह कहां से लाऊं ?

जब रात ना कटने की खाई कसम
कसम से वह कसम कहां से लाऊं ?

जब कसम ही निकला झूठा ,
बात ना कर कसम से, लिखने की

लिखने की तो है तमन्ना
अल्फाज कहां से लाऊं ?

जीवन को जीना है
पर खुशी कहां से लाऊं ?

गौतम साव

Language: Hindi
8 Likes · 18 Comments · 275 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from goutam shaw
View all
You may also like:
बात पते की कहती नानी।
बात पते की कहती नानी।
Vedha Singh
पुत्र एवं जननी
पुत्र एवं जननी
रिपुदमन झा "पिनाकी"
वोट की खातिर पखारें कदम
वोट की खातिर पखारें कदम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
💐💐💐💐दोहा निवेदन💐💐💐💐
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
- अब नहीं!!
- अब नहीं!!
Seema gupta,Alwar
आज वक्त हूं खराब
आज वक्त हूं खराब
साहित्य गौरव
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
*गणेश जी (बाल कविता)*
*गणेश जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
जय जय दुर्गा माता
जय जय दुर्गा माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
💐प्रेम कौतुक-473💐
💐प्रेम कौतुक-473💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता
SPK Sachin Lodhi
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
हादसे
हादसे
Shyam Sundar Subramanian
2407.पूर्णिका
2407.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"फितरत"
Ekta chitrangini
आशा
आशा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
कविता : याद
कविता : याद
Rajesh Kumar Arjun
ढाई अक्षर वालों ने
ढाई अक्षर वालों ने
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी तुझ में जान है,
मेरी तुझ में जान है,
sushil sarna
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
क्या कहें कितना प्यार करते हैं
Dr fauzia Naseem shad
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
Umender kumar
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
ग़ज़ल/नज़्म - दिल में ये हलचलें और है शोर कैसा
अनिल कुमार
#अनंत_की_यात्रा_पर
#अनंत_की_यात्रा_पर
*Author प्रणय प्रभात*
जमाना है
जमाना है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
शोषण
शोषण
साहिल
बिन फले तो
बिन फले तो
surenderpal vaidya
Loading...