न सोच की मकान ये अभी कच्चे हैं
न सोच कि मकान ये अभी कच्चे हैं
न दिल में गिला कोई सभी अच्छे हैं
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न वहम न अहम अपने दिल मे कोई
हम आज भी छोटे से वही बच्चे हैं
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कपिल कुमार
20/11/2016
न सोच कि मकान ये अभी कच्चे हैं
न दिल में गिला कोई सभी अच्छे हैं
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न वहम न अहम अपने दिल मे कोई
हम आज भी छोटे से वही बच्चे हैं
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कपिल कुमार
20/11/2016