न बदले…!
वो गिरगिट ही क्या, जो रंग न बदले।
वो मौसम ही क्या, जो ढंग न बदले।
आजकल की इस बदलती दुनिया में…
वो इंसान ही क्या, जो संग न बदले।
✍️सृष्टि बंसल
वो गिरगिट ही क्या, जो रंग न बदले।
वो मौसम ही क्या, जो ढंग न बदले।
आजकल की इस बदलती दुनिया में…
वो इंसान ही क्या, जो संग न बदले।
✍️सृष्टि बंसल