न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन
न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन स्वंत्रत है गुलामी तो बस लोगो की एक मानसिकता है।
RJ Anand Prajapati
न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन स्वंत्रत है गुलामी तो बस लोगो की एक मानसिकता है।
RJ Anand Prajapati