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6 Oct 2024 · 1 min read

न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन

न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन स्वंत्रत है गुलामी तो बस लोगो की एक मानसिकता है।

RJ Anand Prajapati

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