न झूठे बहाने बनाया करो
काफ़िया- आया
रदीफ़- करो
122 122 122 12
न झूठे बहाने बनाया करो।
मिले वक़्त तो पास आया करो।
न ख़्वावो खयालों में आकर सनम
हमें इस तरह तुम सताया करो।
करेंगे सभी यार बदनामियाँ
न छत पे मुझे तुम बुलाया करो।
बड़ी शौख चंचल अदायें तुम्हारी
नही बिजलियाँ यूँ गिराया करो।
करें कत्ल मेरा तुम्हारी नज़र
न आँखों में काजल लगाया करो।
नही गैर के साथ तुम घूमकर
कभी दिल हमारा दुखाया करो।
कि दीदार मैं जब करूँ आपका
जरा रुख़ से पर्दा हटाया करो।
अभिनव मिश्र अदम्य