न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
न जल लाते हैं ये बादल(मुक्तक)
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बिना बारिश किए आते, चले जाते हैं ये बादल
किसी नेता के वादों- से, नजर आते हैं ये बादल
उमड़ कर आ गए घनघोर, काले हैं मगर झूठे
सुना है आजकल भरकर, न जल लाते हैं ये बादल
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर
9997615451