न्यूज़ देखने बैठे हैं पर विज्ञापन ही नज़र हैं आए
सिर पर जितने बाल नहीं अब उतने तेल नज़र आएं
मर्ज़ भले ही गिन पाएं पर जांचे कितनी समझ ना आएं
उलझ गई ये कैसे ज़िन्दगी जैसे जैसे बीता समय
न्यूज़ देखने बैठे हैं पर विज्ञापन ही नज़र हैं आए
हाथ है दो पर धोने को प्रोडक्ट यहाँ बहुतेरे हैं
अपनी अपनी चॉइस बहुत हैं, कुछ तेरे कुछ मेरे हैं
किसमें धोएं सब्ज़ी फल
और किस लिक्विड से पोछा लगाएं
चाइना और इटली का अब तो गली गली है फ़ूड यहाँ
खोज मगर करनी पड़ती है सेब कहाँ, अमरुद कहाँ
मिलने को चाहे बरसो बीते
पर वीडियो कॉल में मुस्काएं
टी आर पी जिसकी हो जितनी,उतना मचता शोर यहाँ
एंटरटेनमेंट बहुत ज़रूरी सच का कितना ज़ोर यहाँ
ब्राउन ब्रेड या ब्राउन शुगर हो
क्या खाएं क्या ना खाएं
ग्रीन, ब्लैक और लैमन टी अब चाय के भी कितने विकल्प यहाँ
उत्पादों की भीड़ बढ़ी है, उम्र हो चाहे अल्प यहाँ
शुरू हुए थे जिससे हम
वही आर्गेनिक फ़ूड उगाएं
दीपाली कालरा