*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छंद)
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न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है
उसके न होने से बढ़कर, उसका होना दुखदाई है
इस न्याय-तंत्र का वेश धरे, अन्याय-तंत्र को साफ करो
जो कालनेमि हों जहॉं कहीं, उनको मत हर्गिज माफ करो
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451