Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 1 min read

नौ दिन

छलने के लिए देवता ही आखिर
दैत्य बेचारे लड़ते रहे और मरते रहे
साधन करते रहे नित साधक
रचते रहे वेद ऋषि व्यापक
ज्ञान बिकता रहा स्त्री लुटती रही
छली जाती रही निहित स्वार्थों के लिए
वो हर युग में कभी इन्द्र के लिए
कभी राम के लिए आज भी निरंतर
कभी लगी दांव पर जुआ के कुल वधू
चीर हरण होता रहा माननीय के समक्ष
आत्म दाह किया नहीं तब क्यों?
किसने माना वो असमर्थ पुरुष है
बलात अधिकार का ये आरंभ इन्द्र से
हुआ और आज तक तक हो रहा निरंतर
नित
बदला है प्रारूप मात्र ‘
कहीं स्त्री खुद व्यापार बन जाती
तो कहीं किसी के लिए का मुद्रा लोभ
मगर सदैव लाचार
मिट चुकी है सभ्यता फिर भी जीवित हैं
परम्परा नौ दिन को यह देवी पूजन की

Language: Hindi
1 Like · 35 Views
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all

You may also like these posts

*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
*अभिनंदन डॉक्टर तुम्हें* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
” एक मलाल है “
” एक मलाल है “
ज्योति
पेड़ पौधे और खुशहाली
पेड़ पौधे और खुशहाली
Mahender Singh
भोजपुरी गजल
भोजपुरी गजल
अवध किशोर 'अवधू'
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
”ज़िन्दगी छोटी नहीं होती
शेखर सिंह
◆बात बनारसियों◆
◆बात बनारसियों◆
*प्रणय*
बादल लगते कितने प्यारे हो
बादल लगते कितने प्यारे हो
Sonam Puneet Dubey
कुछ कम भी नही मेरे पास
कुछ कम भी नही मेरे पास
पूर्वार्थ
"बरखा रानी..!"
Prabhudayal Raniwal
ये कैसे आदमी है
ये कैसे आदमी है
gurudeenverma198
नवदुर्गा
नवदुर्गा
surenderpal vaidya
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
लाज़िम है
लाज़िम है
Priya Maithil
राजनीति के फंडे
राजनीति के फंडे
Shyam Sundar Subramanian
हम कोई भी कार्य करें
हम कोई भी कार्य करें
Swami Ganganiya
मोहब्बत का पहला एहसास
मोहब्बत का पहला एहसास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नेता पल्टूराम (कुण्डलिया)
नेता पल्टूराम (कुण्डलिया)
आकाश महेशपुरी
पापा
पापा
Ayushi Verma
हमेशा तेरी याद में
हमेशा तेरी याद में
Dr fauzia Naseem shad
हँसी खुशी पाप है
हँसी खुशी पाप है
Sudhir srivastava
समझेंगे झूठा हमें
समझेंगे झूठा हमें
RAMESH SHARMA
मलाल
मलाल
अनिल "आदर्श"
संग दिल जहां
संग दिल जहां
ओनिका सेतिया 'अनु '
4320.💐 *पूर्णिका* 💐
4320.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सत्य कथन
सत्य कथन
Rambali Mishra
दृढ़
दृढ़
Sanjay ' शून्य'
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Dilemmas can sometimes be as perfect as perfectly you dwell
Chaahat
" दिल "
Dr. Kishan tandon kranti
मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो।
मुद्दा सुलझे रार मचाए बैठे हो।
Kumar Kalhans
व्याकुल मन की व्यञ्जना
व्याकुल मन की व्यञ्जना
हिरेन जोशी
Loading...