नौजवान बेचारा
रोजगार का मारा एक नौजवान बेचारा।
नौजवान की व्यथा को समझने की कोशिश कौन करता है, वह जिंदगी से लड़ता है और सगे संबंधियों से डरता है, कि वह कहीं यह ना पूछ ले कि नौकरी कब लग रही है भाई?
बचपन से अच्छी नौकरी की आस का दिया लिए; नौजवान अंत में टूटता है ऐसे जैसे आसमान से कोई टूटा तारा जिंदगी से हारा नौजवान बेचारा।
सूरज को जगाने वाला; पहली किरण से अपने सपने को साकार करने की कोशिश में लग जाने वाला; जिसने खुद को जिंदगी भर निखारा; सिस्टम का मारा एक नौजवान बेचारा
कभी हुआ करता था सबका जो राज दुलारा; आज सभी की आंखों में कांटा बनकर चुभता है वह आंखों का तारा; घर परिवार और दुनिया का मारा एक नौजवान बेचारा।
अंत में जीवन से करके समझौता देता है नौकरी का सपना छोड़; कुछ बनने का; कुछ करने का; क्योंकि वह भी हो चुका है परिवार वाला दुनियादारी का मारा एक थका हारा नौजवान बेचारा।