नौका को सिन्धु में उतारो
नौका को सिन्धु में उतारो
किनारों से दूर करो
जानना है यदि खुद को
तो खुद के निर्णय पर विश्वास करो
तुम ऊर्जा के पूंज हो
तुम ही आभा सूर्य हो
दो चुनौती अपने आप को
चलो आलास को त्याग दो
एक विफलता या सफलता पर
डर मत जाना ओर हर्ष मनाना मत
जीवन मंत्र यही है बस चलते जाना तुम
जब तक नौका सिन्धु में ना उतारोगे
कैसे कहो तुम खुद का बल जानोगे
इसलिए कहता हूं
नौका को सिन्धु में उतारो
किनारों से दूर करो
सुशील मिश्रा ‘क्षितिज राज ‘