नोट बदल गये देश बदलेगा
सुबहा से उठकर लाइन में लग गये शाम को मेरा नम्बर आया ।
खुशी के मारे उछल पड़ा मैं नया नोट जब हाथ में पाया ॥
कैसी कैसी कठिनाई थी किसी को यह बतला नहीँ पाया ।
लाइन छोड़ कहीँ जा नहीँ पाया पूरे दिन कुछ खा नहीँ पाया ॥
मेरा मिशन था नोट बदलना लगा पहाड़ मैं चढ़ कर आया ।
वो निकला है देश बदलने अब जाकर मै समझ यह पाया ॥
कितना कठिन यह निर्णय होगा जिसका उसने बीड़ा उठाया ।
सारे दुश्मन मिल गये उसके टस से मस कोई कर नहीँ पाया ॥
बदल रहा है देश मेरा यह मेरी तो यह समझ में आया ।
तुम भी समझ जाओगे यदि जो तुमने उसका साथ निभाया ॥
विजय बिज़नोरी